आज देवास के सर्व हिंदू समाज के द्वारा कालीचरण जी महाराज के समर्थन में उन्हें रिहा करने के लिए कलेक्ट्रेट में राष्ट्रपति प्रधानमंत्री जी के नाम से ज्ञापन दिया एवं उनकी जल्द से जल्द रिहाई की मांग की गई।
हिन्दू संगठनों द्वारा प्रेषित ज्ञापन में बताया गया कि विगत दिनों रायपुर (छत्तीसगढ़) में एक धर्म ससंद का आयोजन किया गया था जिसमें विभिन्न धर्मगुरूओं एवं हिन्दू समाज के साधु संतों को आमंत्रित किया गया था। आमंत्रित धर्मगुरूओं वक्ताओं एवं संतों द्वारा अपने अपने धार्मिक विचार से उद्बोधन करते हुए जनतो को सम्बोधित किया गया था। यह कि, संस्था को यह अच्छी तरह से ज्ञात है कि उक्त धर्म संसद में आमंत्रित वक्तागण, धर्मगुरु, साधु संत ही सम्मिलित हुए एवं जिन्हें आमंत्रित नहीं किया गया था वह उक्त धर्म ससंद में उपस्थित नहीं हुए थे। उक्त धर्म ससंद में महाराज जो हम हिन्दूओं के आराध्य एवं आदर्श है जिनके प्रति हिन्दू समाज अपनी धार्मिक निष्ठा रखता है उनकी बारी आने पर उनके द्वारा भी अपने वक्तव्य से उपस्थित जन समुदाय को सम्बोधित किया गया ।
कालीचरण महाराज द्वारा अपने वक्तव्य में राष्ट्र के लोगों को एक सत्य से अवगत कराते हुए राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी का वहन किया गया। जिसमें मोहनदास करमचंद्र गांधी के संबंध में वास्तविक तथ्यों से जनता को अवगत कराया गया यह महाराज कालीचरण की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है जो भारत के प्रत्येक नागरिक को संविधान द्वारा प्रदत्त है अपने उदबोधन में कालीचरण महाराज द्वारा ऐसा कोई व्यक्तव्य नहीं दिया गया है जो कि भी तरह राष्ट्रद्रोह के अपराध के तत्वों को पूर्ण करता हो, परन्तु वर्तमान में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार होने से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अवैधानिक तरीके से राष्ट्र के लोगों को सत्यता से अवगत करवाने वाले व्यक्तव्य से रोकने के लिए दमनकारी नीति अपनाते हुए कालीचरण महाराज के विरुद्ध सत्ता का दुरूपयोग करते हुए अवैध रूप से प्रकरण पंजीबद्ध कर उन्हें उक्त असत्य प्रकरण में अवैध रूप से गिरफतार किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन के इस अवैधानिक कृत्य एवं हिन्दू समाज के प्रति दमनकारी नीति से सम्पूर्ण हिन्दू समाज में रोष व्याप्त है, तथा संस्था एवं देवास का सम्पूर्ण हिन्दू समाज छत्तीसगढ़ शासन के उक्त अवैधानिक कृत्य की निंदा करता है । हम सब हिन्दू समाज कालीचरण महाराज के विरूद्ध दर्ज किये गये असत्य प्रकरण एवं इस असत्य प्रकरण में की गई गिरफतारी से आक्रोशित है तथा मांग करते हैं कि कालीचरण महाराज पर दर्ज प्रकरण वापस ले तथा सम्पूर्ण हिन्दू समाज से छत्तीसगढ़ शासन इस अवैधानिक कृत्य के लिए माफी मांगे अन्यथा हिन्दू समाज आगामी समय में उग्र आंदोलन करेगा जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी छत्तीसगढ़ शासन की रहेगी।