सिंगल सुपर फॉस्फेट के उपयोग से फसल को मिलता है ज्यादा फायदा ।
उप संचालक कृषि श्री आर.पी. कनेरिया ने बताया कि जिले में रबी की बुवाई का कार्य चालू हो चुका है। ऐसे में अच्छे बीज के साथ-साथ संतुलित पोषक तत्वों के प्रबंधन का भी अपना अलग ही महत्व है। जब पोषक तत्वों के प्रबंधन की बात आती है तो किसान भाई सबसे पहले जो उर्वरक दिखते है वह डीएपी और यूरिया है। इन दोनों उर्वरकों से पौधों को केवल दो पोषक तत्व ही मिलते है नाईट्रोजन और फॉस्फोरस। जबकि पौधों को 3 प्राकृतिक तत्वों को छोड दिया जाए तो 12 पोषक तत्वों की विशेष आवश्यकता होती है जिसमे से 6 ज्यादा मात्रा में चाहिए (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश, कैल्शियम, मेग्नेशियम और सल्फर) और 6 की आवश्यकता तुलनात्मक रूप से बहुत है (लोहा, तांबा, जस्ता, मेंगनीज, बोरोन और मोलिब्डेनम)।

उप संचालक कृषि श्री कनेरिया ने बताया कि जब हम डीएपी का प्रयोग करते है तो हमें केवल दो पोषक तत्व नाइट्रोजन (18 प्रतिशत) और फॉस्फोरस (46 प्रतिशत) ही मिलते हे, जबकि इसके स्थान पर अगर सिंगल सुपर फॉस्फेट का उपयोग किया जाए तो हमें 3 पोषक तत्व फॉस्फोरस (16 प्रतिशत), कैल्शियम (21 प्रतिशत) और सल्फर (11 प्रतिशत) मिलते हैं। सल्फर जैसे तत्वों की पूर्ति के लिए हमें अतिरिक्त धन खर्च करने की जरूर नहीं पडती है। अगर प्रति किलोग्राम पोषक तत्वों पर खर्च किये जाने वाले धन की बात की जाए तो डीएपी से प्राप्त होने वाले प्रति किलोग्राम पोषक तत्व पर तुलनात्मक रूप से सर्वाधिक खर्च होता है। उप संचालक कृषि श्री कनेरिया ने बताया कि इसकी गणना हम इस प्रकार देख सकते है। वर्तमान में 100 किलोग्राम डीएपी की कीमत 2400 रूपये जिससे हमें 18 किलाग्राम नाइट्रोजन और 46 किलोग्राम फॉस्फोरस की प्राप्ति होती है। अब यदि सामान मात्रा के नाइट्रोजन और फॉस्फोरस की पूर्ति हम यूरिया और सिंगल सुपर फॉस्फेट से करें तो हमें आवश्यकता होती है 40 किलोग्राम यूरिया की जिसकी कीमत है लगभग 237 रूपये और 287.5 किलोग्राम सुपर फस्फेट जिसकी कीमत है लगभग 1582 रूपये कुल कीमत लगभग 1819 रूपये किसान की कुल बचत लगभग 580 रूपये।
उप संचालक कृषि श्री कनेरिया ने बताया कि इसके साथ सल्फर 31.6 किलोग्राम तथा 60.3 किलोग्राम कैल्शियम की आपूर्ति होती है अगर कैल्शियम को छोड भी दिया जाए तो 31 किलोग्राम सल्फर के लिए बाजार में आपको 800 से 900 रूपये अतिरिक्त भुगतान करना होगा। इस प्रकार हम देखते है की 2 बैग डीएपी के स्थान पर सुपर फाफस्फेट और यूरिया का उपयोग करने से लगभग 1380-1480 रूपये की बचत होती है। उप संचालक कृषि श्री कनेरिया ने बताया कि जो सबसे बडा फायदा सुपर फॉस्फेट का उपयोग करने से हमें मिलता है वो है कैल्शियम और सल्फर की पूर्ति। जैसा की अधिकांश किसान भाई जानते है कुछ खास फसलों को छोडकर सामान्य फसलों में सल्फर का प्रयोग नहीं किया जाता है जबकि आवश्यकता तो सभी फसलों को होती है। इसी प्रकार से कैल्शियम की पूर्ति पृथक से कोई भी किसान सामान्य रूप से नही करता है और करता भी है तो सब्जी, फसलों में। सल्फर तेल वाली सभी फसलों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है इसका प्रयोग करने से तिलहन फसलों में तेल की मात्रा में बढोतरी होती है वही दलहन फसलों में इसके प्रयोग से प्रोटीन की मात्रा में बढोतरी पायी गयी है।
