सीएम शिवराज सिंह चौहान ने तीसरी लहर की आशंका खत्म होने तक स्कूल बंद रखने और ट्यूशन फीस के अलावा कोई अतिरिक्त राशि नहीं लेने की घोषणा की है। इसके विरोध में प्रदेश के प्राइवेट स्कूल संचालक मैदान में उतर आए हैं। गुरुवार को स्कूल संचालकों ने 12 जुलाई से सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करने की बात कहीं। उन्होंने 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खोलने की परमिशन देने की मांग भी सरकार से की है।
प्राइवेट स्कूलों की संस्था एसोसिएशन ऑफ अन एडेड प्राइवेट स्कूल्स मध्यप्रदेश ने ट्यूशन फीस लेने की घोषणा का आदेश जारी नहीं करने की मांग की है। साथ ही अपनी 8 सूत्रीय मांगों के निराकरण करने की भी बात कहीं है। एसोसिएशन के अलावा प्रदेश के कई प्राइवेट स्कूलों से जुड़े संगठनों ने भी 12 जुलाई से स्कूल बंद करने की बात कही है।
एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट विनय राज मोदी ने कहा कि पिछले डेढ़ साल से प्रदेश के प्राइवेट स्कूल बंद हैं, लेकिन शिक्षक और स्टाफ को पूरा वेतन दिया जा रहा है। दूसरी ओर सरकार ऐसे फैसले ले रही हैं, जो व्यवहारिक नहीं है। ट्यूशन फीस लेने का निर्णय भी ठीक नहीं है। इसका आदेश जारी होता है तो स्कूल ही बंद कर देंगे। ऑनलाइन क्लॉसेस भी संचालित नहीं की जाएंगी।
प्राइवेट स्कूल संचालकों की है यह मांगें :-
- सिर्फ ट्यूशन फीस लिए जाने का आदेश सरकार नहीं निकाले।
- कक्षा 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खोलने की अनुमति दी जाए।
- निजी स्कूलों को राहत पैकेज दिया जाए। बिजली बिल माफ हो और बैंक ब्याज भी नहीं वसूला जाए
- ।सरकारी स्कूलों में बिना टीसी के ही एडमिशन दिए जा रहे हैं। ऐसा नहीं किया जाए।
- सरकार प्राइवेट स्कूल संचालकों के साथ मिलकर स्कूलों से जुड़े फैसले लें, ताकि बच्चों का किसी प्रकार का अकादमिक नुकसान न हो।
- माध्यमिक शिक्षा मंडल से संबंद्धता प्राप्त स्कूलों की मान्यता नवीनीकरण 5 वर्ष के लिए कर दी जाए।
- शिक्षा मंत्री पूर्व में यह घोषणा कर चुके हैं, लेकिन इसे अमल में नहीं लाया गया है।
- आरटीई के तहत प्रवेशित बच्चों के शिक्षण सत्र 2020-21 तक की बकाया राशि की प्रतिपूर्ति जल्द की जाए।
- स्कूलों के संपत्ति कर, वाहनों के रोड टैक्स व परमिट शुल्क में राहत दी जाए।
12 जुलाई तक फैसला नहीं होने पर यह करेंगे संचालक :-
प्राइवेट स्कूलों से जुड़ी मांगों पर यदि 12 जुलाई तक सरकार ने फैसला नहीं किया तो संचालक स्कूलों को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर देंगे। वाइस प्रेसिडेंट मोदी ने बताया कि स्कूल बंद करने के साथ ही प्रिंसिपल, संचालक सभी तरह के सरकारी वॉट्सऐप ग्रुप छोड़ देंगे और किसी भी सरकारी कार्य में सहयोग नहीं करेंगे। ऑनलाइन चल रही क्लासेस भी बंद कर दी जाएगी।