उज्जैन में शिवरात्रि पर विशेष मार्ग से भगवान महाकालेश्वर के होंगे दर्शन, बैरिकेडिंग और टेंट की व्यवस्था

श्रद्धालुओं को कर्कराज से महाकाल लोक तक पैदल जाना होगा, अन्य प्रवेश द्वार बंद रहेंगे।

भीड़ नियंत्रण के लिए बैरिकेडिंग, टेंट और कारपेट की व्यवस्था की गई है, नया ब्रिज बंद रहेगा।

महाशिवरात्रि पर्व पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकालेश्वर के दर्शन के लिए पहुंचेंगे। पुलिस, प्रशासन व मंदिर समिति द्वारा इसकी तैयारियां पिछले सप्ताह से शुरू कर दी गई हैं। भीड़ प्रबंधन के लिए प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगाकर जिगजेग बनाने के साथ ही धूप से बचने के लिए टेंट व कारपेट भी बिछाए जा रहे हैं।

भील समाज पार्किंग तक लगे बैरिकेड्स:

प्रशासन ने पिछले वर्षों में शिवरात्रि महापर्व के दौरान भगवान के दर्शनों को पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का अनुमान लगाते हुए इस वर्ष भीड़ प्रबंधन की योजना बनाई है। लालपुल व जयसिंहपुरा की तरफ से आने वाले लोगों को भील समाज धर्मशाला के सामने से बैरिकेड्स में प्रवेश दिया जाएगा। यहां से लोग बैरिकेड्स में पैदल चलते हुए नृसिंहघाट के सामने से गोंडबस्ती घाटी पार करेंगे और चारधाम पार्किंग जिगजेग में पहुंचेंगे। यहां से जयसिंहपुरा पानी की टंकी के सामने से होते हुए महाकाल लोक में प्रवेश करेंगे। महाकाल लोक से मानसरोवर गेट से प्रवेश करने के बाद टनल के रास्ते महाकालेश्वर मंदिर में प्रवेश होगा।

नए ब्रिज का उपयोग अभी नहीं:

पिछले दिनों मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रूद्रसागर पर निर्मित ब्रिज का उद्घाटन किया था। सामान्य दिनों में इस ब्रिज के रास्ते मानसरोवर गेट की ओर श्रद्धालुओं को प्रवेश दिए जाने की योजना है। शिवरात्रि पर्व पर इस गेट का उपयोग नहीं किया जा रहा। वर्तमान में इसे बैरिकेड्स लगाकर बंद किया गया है।

पैदल मार्ग और समय अनिश्चित:

पुलिस प्रशासन भीड़ के दबाव के अनुसार प्रबंधन का निर्णय बदलता रहा है। वर्तमान में जहां से बैरिकेड्स शुरू हुए हैं वहां से मंदिर तक पहुंचने का मार्ग अनुमानित ढाई किलोमीटर लंबा है। यदि भीड़ अधिक रहती है तो बैरिकेड्स के अंदर चलने के बाद श्रद्धालु को डेढ़ से दो घंटे का समय दर्शनों के लिए लग सकता है, जबकि भीड़ का दबाव कम होने पर यही समय घटकर 1 घंटा भी हो जाएगा।

दूसरे मार्गों से प्रवेश प्रतिबंधित :

महाकालेश्वर मंदिर पहुंचने के लिए मानसरोवर गेट के अलावा भस्म आरती गेट, शंख द्वार गेट, अवंतिका द्वार, कोटितीर्थ द्वार भी हैं। उक्त द्वार से दर्शनार्थियों का प्रवेश पूरी तरह बंद रहेगा। पुलिस प्रशासन द्वारा इस ओर जाने वाले मार्ग को बैरिकेड्स लगाकर बंद किया जाएगा।

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