देवास जिले में संदिग्ध गतिविधियों पर रोक के आदेश, इन लोगों की देना होगी जानकारी
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री ऋषव गुप्ता ने देवास जिले में संदिग्ध गतिविधियों और व्यक्तियों पर निगरानी रखने के लिए कड़े प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। यह आदेश दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (1) के तहत लागू किए गए हैं।
किरायेदारों की जानकारी आवश्यक :-
श्री गुप्ता के अनुसार, मकान और दुकान मालिकों को अपने किरायेदारों की पूरी जानकारी संबंधित थाने में देना अनिवार्य होगा। इसके बिना किरायेदारों को रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही, सभी किरायेदारों के आई.डी. प्रूफ जमा करना भी जरूरी है।
होटल, लॉज और धर्मशालाओं में पहचान पत्र अनिवार्य :-
होटल, लॉज, रेनबसेरा, धर्मशाला आदि में ठहरने वाले व्यक्तियों से पहचान पत्र लेना अनिवार्य किया गया है। ठहरने वाले व्यक्तियों की सूची उसी दिन थाने में जमा करनी होगी।
घरेलू कामगार और व्यावसायिक कर्मचारियों की जानकारी :-
घरेलू कामगारों और व्यावसायिक कर्मचारियों की जानकारी भी संबंधित मालिक द्वारा थाने में जमा करनी होगी। उनके आई.डी. प्रूफ भी जमा करने होंगे।
निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों की जानकारी :-
निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों और कारीगरों की जानकारी ठेकेदार द्वारा थाने में जमा करनी होगी। साथ ही, उनका आई.डी. प्रूफ भी आवश्यक होगा।
ऑनलाइन शॉपिंग और होम डिलीवरी करने वाले व्यक्तियों की जानकारी ।
ऑनलाइन शॉपिंग, होम डिलीवरी, और कोरियर का काम करने वाले व्यक्तियों की जानकारी भी थाने में जमा करनी होगी। इन व्यक्तियों का आई.डी. प्रूफ भी जरूरी है।
प्राइवेट सुरक्षा एजेंसी के गार्ड की जानकारी :-
प्राइवेट सुरक्षा एजेंसी द्वारा नियुक्त किए गए गार्ड की जानकारी भी थाने में जमा करनी होगी और उनका आई.डी. प्रूफ भी देना होगा।
आईसीजेएस सॉफ्टवेयर और मोबाइल फेस फॉरेंसिक एप का उपयोग :-
होटल, लॉज, धर्मशाला आदि में ठहरने वाले व्यक्तियों और किरायेदारों की जानकारी आईसीजेएस सॉफ्टवेयर और मोबाइल फेस फॉरेंसिक एप के माध्यम से भी संकलित की जाएगी। विदेशी व्यक्तियों की जानकारी एफ.आर.आर.ओ शाखा को तुरंत दी जाएगी।
आदेश का उल्लंघन दंडनीय :-
आदेश का उल्लंघन भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के अंतर्गत दंडनीय अपराध माना जाएगा। यदि कोई व्यक्ति, संस्था, या पक्ष इस आदेश में कोई छूट या शिथिलता चाहता है, तो उसे कलेक्टर के समक्ष आवेदन करने का अधिकार होगा। सम्यक सुनवाई और विचारोपरांत उचित आदेश पारित किए जाएंगे।
कलेक्टर श्री गुप्ता का यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू किया गया है और जनसाधारण की सुविधा के लिए आवश्यक है।