देवास जिले में स्कूल संचालकों, पुस्तक प्रकाशकों एवं विक्रेताओं के एकाधिकार को समाप्त करने के प्रतिबंधात्‍मक आदेश जारी——-

आदेश का उल्‍लंघन करने पर भारतीय दण्ड संहिता के प्रावधानों के तहत होगी कार्यवाही———

स्कूल में संचालित प्रत्येक कक्षा के लिये अनिवार्य पुस्तकों की सूची विद्यालय के परीक्षा परिणाम के पूर्व ही अपने स्कूल की वेबसाइट पर अपलोड करेंगे——–

कोई भी विद्यालय अधिकतम दो से अधिक यूनिफार्म निर्धारित नहीं कर सकेंगे——–

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री ऋषव गुप्ता ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (1)(2) के तहत स्कूल संचालकों, पुस्तक प्रकाशकों एवं विक्रेताओं के एकाधिकार को समाप्त करने के लिए देवास जिले की संपूर्ण राजस्व सीमा के लिए प्रतिबंधात्‍मक आदेश जारी किये है। यदि कोई व्यक्ति आदेश का उल्‍लंघन करेगा तो उसके विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जायेगी।

जारी निर्देशानुसार स्कूल संचालक/प्राचार्य स्कूल में संचालित प्रत्येक कक्षा के लिये अनिवार्य पुस्तकों की सूची विद्यालय के परीक्षा परिणाम के पूर्व ही अपने स्कूल की वेबसाइट पर अपलोड करेंगे एवं विद्यालयीन सार्वजनिक सूचना पटल/स्थान पर चस्पा करेंगे। मान्यता नियमों के अन्तर्गत स्कूल की स्वयं की वेबसाइट होना अनिवार्य है। स्कूल के प्राचार्य/संचालक पुस्तकों की सूची की एक प्रति प्रवेशित अभिभावकों को प्रवेश के समय एवं परीक्षा परिणाम के समय आवश्यक रूप से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।

स्कूल संचालक/प्राचार्य विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकों को सूचीबध्द पुस्तकें परीक्षा परिणाम अथवा उसके पूर्व क्रय करने के लिए बाध्य नहीं करेंगे। अभिभावक पुस्तकों की उपलब्धता के आधार पर 30 अप्रैल 2024 तक क्रय कर सकेंगे। ऐसी स्थिति में अप्रैल माह में प्रारंभ होने वाले शैक्षणिक सत्र का उपयोग विद्यार्थियों के ओरिएंटेशन व्यवहारिक ज्ञान व मनोवैज्ञानिक पध्दति से शिक्षण में किया जाये।

स्कूल जिस नियामक बोर्ड यथा सी.बी.एस.ई/आई.सी.एस.ई/एम.पी.बी.एस.ई./माध्यमिक शिक्षा मण्डल आदि से सम्बध्द है, उस संस्था के द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम व पाठ्यक्रम के अन्तर्गत नियामक संस्था अथवा उसके द्वारा विधिकरूप से अधिकृत ऐजेंसी यथा एन.सी.आर.टी.ई. म.प्र. पाठ्य पुस्तक निगम आदि के द्वारा प्रकाशित एवं मुद्रित पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य प्रकाशको/मुद्रकों द्वारा प्रकाशित की जाने वाली पुस्तकों को विद्यालय में अध्यापन के लिए न्‍यूनतम रखें ताकि अभिभावकों पर वित्‍तीय भार कम हो।

स्कूल संचालक/प्राचार्य सुनिश्चित करेंगे कि उक्त के अतिरिक्त अन्य विषयों जैसे नैतिक शिक्षा, सामान्य जान, कम्प्यूटर आदि की निजी प्रकाशकों/मुद्रकों द्वारा प्रकाशित पुस्तकें क्रय करना अनिवार्य न किया जाये। स्कूल संचालक/प्राचार्य द्वारा विद्यार्थियों/अभिभावकों को पुस्तकें, कापियां, सम्पूर्ण यूनिफार्म आदि सम्बन्धित स्कूल/ संस्था अथवा किसी भी एक दुकान/विक्रेता/संस्था विशेष से क्रय किये जाने के लिए बाध्य नहीं किया जायेगा।

स्कूल संचालक/प्राचार्य/पालक शिक्षक संघ (पी.टी.एम.) सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी स्थिति में पुस्तकों के निजी प्रकाशक/मुद्रक/विक्रेता स्कूल परिसर में प्रचार प्रसार के लिए किसी भी स्थिति में प्रवेश नहीं करें। स्कूल संचालक/प्राचार्य/ विक्रेता द्वारा पुस्तकों के सेट की कीमत बढ़ाने के लिए अनावश्यक सामग्री जो निर्धारित पाठ्यक्रम से सम्बन्धित ही नहीं है का समावेश सेट में नहीं किया जायेगा। कोई भी विक्रेता किसी भी कक्षा के पूरे सेट को क्रय करने की बाध्यता नहीं रखेगा, यदि किसी विद्यार्थी के पास पुरानी पुस्तकें उपलब्ध है तो उसे केवल उसकी आवश्यकता की पुस्तकें ही विक्रेता द्वारा उपलब्ध कराई जायेगी।

नोट बुक, कॉपी पर ग्रेड किस्म, साइज, मूल्य, पृष्ठ संख्या स्पष्ट रूप से अंकित होना चाहिये, किसी भी पुस्तक, नोट बुक, कॉपी अथवा इन पर चढ़ाये जाने वाले कवर पर विद्यालय का नाम मुद्रित सामग्री क्रय करने के लिए बाद्धय नहीं किया जायेगा। कोई भी स्कूल / संस्था किसी पुस्तक विक्रेता को पूरा किताब सेट, किसी भी सप्लायर अथवा ठेकेदार से लेने के लिये बाध्य न करे , पुस्तक विक्रेता पुस्तकें खरीदने के लिए स्वतंत्र हो इसका पालन हो। कोई भी विद्यालय अधिकतम दो से अधिक यूनिफार्म निर्धारित नहीं कर सकेंगे ब्लेजर/स्वेटर इसके अतिरिक्त होगा। विद्यालय प्रशासन द्वारा यूनिफार्म का निर्धारण इस प्रकार किया जा सकेगा कि कम से कम 03 वर्ष तक इसमें परिवर्तन नहीं हो विद्यालय प्रशासन द्वारा वार्षिकोत्सव अथवा अन्य किसी आयोजन पर किसी भी प्रकार की वेशभूषा को विद्यार्थियों/पालकों को क्रय करने के लिए बाध्य नहीं किया जायेगा।

जिन विषयों के सम्बन्ध में नियामक संस्था के द्वारा कोई पुस्तक प्रकाशित/मुदित नहीं की गई है। उस विषय से सम्बन्धित किसी अन्य पुस्तक को अनुशंसित किये जाने के पूर्व स्कूल संचालक सुनिश्चित करेंगे कि उक्त पुस्तक की पाठ्य सामग्री ऐसी आपत्तिजनक नहीं हो जिससे कि लोक प्रशांति भंग होने की संभावना हो।

लोक शिक्षण संचालनालय मध्‍य प्रदेश भोपाल के आदेश अनुसार समस्त विद्यालयों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए स्कूल बैग पालिसी 2020 के निर्देशों का पालन किया जाना अनिवार्य होगा। जिसमे कक्षावार बस्ते के वजन की सीमा का निर्धारण किया गया है। जिसमें कक्षा 01 एवं 02 के लिए 1.6 से 2.2 किलोग्राम, कक्षा तीसरी, चौथी एवं पांचवी के लिए 1.7 से 2.5 किलोग्राम, कक्षा 6वीं एवं 7वीं के लिए 02 से 03 किलोग्राम, कक्षा 8वीं 2.5 से 04 किलोग्राम, कक्षा 9वी एवं 10वीं के लिए 2.5 से 4.5 किलोग्राम, कक्षा 11वीं एवं 12वीं के बस्ते का वजन शाला प्रबंधन समिति द्वारा विभिन्न विषय स्ट्रीम के आधार पर तय किया जाएगा। चूंकि यह आदेश जन साधारण की सुविधा के लिए तत्काल प्रभावशील किया जाना आवश्यक है।

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