बचपन से ही सपना था अपना एम्पायर इस्टेबलिश करने का। हमेशा से ही मेधावी छात्रा रही। 12वीं बायोलॉजी में अपने जिले की टॉपर रही। 55 लोगों के परिवार में पली बढ़ी। अपने परिवार से सामंजस्य, परेशानी में कैसे एक दूसरे के साथ खड़े रहना है और कैसे हर बड़े-छोटे का लिहाज करके चलना है, सीखा। दादा- दादी, चाचा- बुआ और मां हमेशा अच्छे अंकों को महत्व देते रहे और आदत पड़ गई, जो भी करना है, पूरी शिद्दत के साथ करने की। घर की सबसे बड़ी बेटी होने के नाते बहुत कम उम्र से ही शादी की चर्चाएं होने लगीं, पर रिश्ता आने पर आगे पढ़ाई कायम रखूंगी और काम करूंगी की शर्त पर शादी की। बी.एससी. फायनल (गोल्ड मेडल ), एम.एससी. (सिल्वर मेडल), पीएच.डी., बी. एड. और एम. एड.(गोल्ड मेडल) शादी के बाद पति और ससुराल परिवार की मदद से किया। साथ ही बेस्ट टीचर एवं यंग साइंटिस्ट अवार्ड के साथ भी नवाजा गया। पढ़ाई के साथ-साथ पेंटिंग, डांस और बास्केटबॉल में भी स्टेट लेवल तक रिप्रेजेंट कर चुकी हैं।आज देश के कुछ सबसे अच्छे स्कूल में से एक सीबीएसई और केम्ब्रिज स्कूल कैरिकुलम में बायोलॉजी की अध्यापिका हैं और शिक्षा के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी अपने छात्रों की मदद और उनका उत्साहवर्धन करती हैं।वे कहती हैं कि मेरे जीवन में मेरा परिवार और मेरी पढ़ाई सबसे ऊपर रही है। कई बार अपने स्वास्थ्य को भी दरकिनार करके मैंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है। अपने बच्चों को अच्छा इंसान बनाना मेरी प्राथमिकता रही है।
क्वालिटी एजुकेशन इज ए राइज ऑफ एवरी चाइल्ड और इस उम्मीद और विश्वास से कि मैं और मेरी टीम हमारी केयर में आए हुए बच्चों को केवल अच्छी शिक्षा ही नहीं, अपितु संस्कार भी देंगे, बिरला इंटरनेशनल शुरु किया ।
बिरला फ्रेंचाइज लेने से पहले मैंने कम से कम दस और कैरिकुलम पढ़े पर यह समझ आया कि इस कैरिकुलम के साथ हम 21वीं सदी की स्किल्स को बच्चों में आत्मसात कर पाएंगे। एकेडमिक एक्सिलेंस, डिसिप्लीन एण्ड वैल्यूज आर द ईथॉस ऑफ द इंस्टीटयूशन और यही हमारी कार्यप्रणाली के मार्गदर्शक रहेंगे।बच्चों के बीच, बच्चों के साथ समय का पता नहीं चलता। इनके साथ हम अपडेट रहते हैं, एनर्जाइज्ड रहते हैं। यही उम्मीद करती हूं कि हमारी केयर में बच्चा अपने आने वाले जीवन की चुनौतियों के लिए पूरी तरह तैयार हो और एक सक्सेसफुल, हैप्पी और कॉन्टेंट जीवन जिये ।