स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के नतीजे 1 अक्टूबर शनिवार देर शाम घोषित कर दिए गए। इसमें देवास ने देशभर में 25वीं पायदान बरकरार रखी है हालांकि फाइव स्टार रेटिंग के लिए देवास ने दावा प्रस्तुत किया था, लेकिन इस बार भी थ्री स्टार रेटिंग ही मिल पाई है।
इधर, प्रदेश में एक स्थान के नुकसान के साथ देवास को 7वीं रैंक से संतोष करना पड़ा है। देवास ने कचरा निष्पादन पर अधिक फोकस किया था, जो तकनीक पर आधारित था। साथ ही ओडीएफ प्लस प्लस में भी देवास ने अच्छा प्रदर्शन किया है। गत वर्ष सर्वे 6000 नंबर का था, लेकिन इस बार 7500 अंकों का सर्वे किया गया था। इसमें मुख्य रूप से सर्विस लेवल प्रोग्रेस, स्टार रेटिंग, ओडीएफ प्लस प्लस और सिटीजन वॉइस इन चार कैटेगरी में नंबर दिए गए हैं।जानें किस कैटेगरी में देवास को कितने नंबर मिले : कुल 7500 अंकों में से देवास को चारों कैटेगरी को मिलाकर 5634 अंक मिले हैं। इनमें सर्विस लेवल प्रोग्रेस में 3000 में से 2548, स्टार रेटिंग में 1250 में से 600, ओडीएफ प्लस प्लस में 1000 में से 600 और सिटीजन वॉइस में 2250 में से 1886 नंबर मिले।इस प्रकार की गई थी स्वच्छ सर्वेक्षण की तैयारियांछह महीने पहले इटावा बस स्टैंड के पास गारबेज ट्रांसफर स्टेशन लगाया। पहले कचरे की गाड़ियां बायपास के ट्रेंचिंग ग्राउंड पर जाती थीं। गाड़ियाें काे वहां तक जाने में अधिक समय लगता था। शहर के बीच में ही गाड़ियां खाली हाे जाती हैं। यहां सूखा और गीला कचरा सेग्रिगेट भी हाे जाता है। यहां से बड़े कैप्सूल से प्राेसेसिंग प्लांट पर जाता है। गाड़ियां पहुंचकर वहां से वार्ड में भी आ जाती हैं। इससे ईंधन और समय भी बच रहा है। समय पर घर-घर से कचरा उठाने के लिए यह व्यवस्था की है। 56 गाड़ियां सुबह और 14 शाम काे चलती हैं। करीब 30 टन सूखा और 20 टन गीला कचरा प्रतिदिन उठता है।गीले कचरे का पहले विंड्राे कम्पाेस्ट पिट माध्यम से खाद बनाया जाता था, अब मेकेनाइज्ड ड्रम कम्पाेस्टिंग प्लांट में बदल दिया है। सेमी ऑटोमेटिक सिस्टम है। इससे बारिश में काम नहीं रुकता है।
करीब 15 से 20 टन खाद हर महीने बनता है।माता टेकरी पर फूलाें की प्राेसेसिंग का प्लांट लगाया है, जिससे अगरबत्ती, दीपक और गुगल बना रहे हैं। शहर के 55 मंदिराें का फूलाें का निर्माल्य एकत्रित करते हैं। 10 कर्मचारियाें काे काम पर लगाया है।मीठा तलाब के पास हार्टिकल्चर वेस्ट प्राेसेसिंग प्लांट लगाया है। यहां पर शहर और बगीचाें का कचरा, घराें के पेड़-पाैधाें की छंटाई का कचरा एकत्रित करते हैं। इकाे फ्रेंडली ब्रिकेट बनाते हैं, जो जलाने के काम आता है।मुक्तिधाम में भी भिजवाया है। रेस्टाेरेंट पर भी देते हैं। एक महीने में 8 से 10 टन ब्रिकेट बनाते हैं।बैकलेन सुंदरीकरण का काम भी किया गया है। पांच वार्ड में ड्रेनेज लाइन काे ठीक किया, उबड़-खाबड़ समतल किया है। बैकलेन में जहां पानी बहता था उसे ठीक किया, कचरा पड़ा रहता था उसकी सफाई करवाई है। सुंदर पेंटिंग करवाई।शहर में कई जगह पर पेड़ पाैधे लगाए, फुटपाथ बनाए, ग्रीन पार्क बनाए हैं।
प्लास्टिक फ्री शहर बनाने की मुहिम चलाई है। सफाई मित्राें की सुरक्षा के लिए उनकाे संसाधन उपलब्ध कराए।यहां रही कमीफाइव स्टार रेटिंग नहीं मिली, वाटर प्लस के लिए नगर निगम ने आवेदन नहीं किया। सिटीजन वाइस की कैटेगरी में कम नंबर मिले। भारत सरकार के एप पर देवास से बहुत कम रजिस्ट्रेशन हुए। फाेन पर भी फीडबैक में कम नंबर मिले। साथ ही शहर के नागरिकाें की शिकायताें के निराकरण में भी कम रही। यदि वाटर प्लस के लिए आवेदन करते 1000 नंबर मिल सकते थे।जाे कमियां रही हैं आगे उनकाे दूर किया जाएगा।
हमारी ओर से पूरे प्रयास किए गए थे, जाे कमियां रह गई थी अगले सर्वेक्षण में उन पर फाेकस कर दूर किया जाएगा। फिर भी यह संताेषजनक है कि देश में हमारी रेटिंग बरकरार है। प्रदेश में जरूर 7वां स्थान मिला है। -विशाल सिंग, आयुक्त, नगर निगम, देवास