देवास की शंकरगढ़ पहाड़ी पर नगर को शुद्ध हवा एवं पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जनसहयोग एवं जनसहभागिता से वन विभाग एवं प्रशासन द्वारा लगातार वृक्षारोपण किया जा रहा है।
‘’आजादी के अमृत महोत्सव’’ अन्तर्गत पूरे देश में 75 स्थानों पर नगर वन के लिए स्थान चयन किया गया, जिसमे मध्यप्रदेश के 5 स्थानों में से एक देवास के शंकरगढ़ पहाड़ी पर नगर वन स्थापित किया जा रहा है। नगर वन के तहत शंकर गढ़ पहाड़ी पर कुल 25 हजार पौधे लगाए जाएंगे। नगर वन के अन्तर्गत वृक्षारोपण का शुभारंभ आज 75 पौधों के रोपण के साथ किया गया, जिसकी शुरुआत कलेक्टर श्री चन्द्रमौली शुक्ला, वन संरक्षक श्री पीएन मिश्रा, सीईओ जिला पंचायत श्री प्रकाश सिंह चौहान, अपर कलेक्टर श्री महेन्द्र सिंह कवचे, नगर निगम कमिश्नर श्री विशाल सिंह चौहान, वन विभाग समस्त उप वन मंडल अधिकारी, वन परिक्षेत्र अधिकारी अन्य वन स्टाफ व नगर के विभिन्न स्वयं सेवी संस्था के द्वारा किया गया है।
कलेक्टर श्री चंद्रमौली शुक्ला ने बताया कि पूर्व में लगाए पौधों को इतनी गर्मी में जीवित रख पाना बहुत मुश्किल था, लेकिन वन विभाग एवं जन सहभागिता से गर्मी के मौसम में भी पौधों को जीवित रखा गया और अब शंकरगढ़ का नाम प्रदेश स्तर पर चिन्हित होने लगा है। जन सहभागिता से वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण किया गया तथा उस समय रोपे गए पौधे अब पेड़ो का आकार लेने लगे है साथ ही देवास नगर को शुद्ध हवा एवं पानी का संचार करने लगे है। वन संरक्षक श्री पी. एन. मिश्रा ने बताया कि शंकरगढ़ पहाड़ी को हरा भरा करने में जिला प्रशासन एवं स्वयं सेवी संस्थाओं ने जो सहयोग किया वो अभूतपूर्व है। सभी संस्थाओं के सहयोग से ही ये संभव हुआ। आने वाले समय में निश्चित ही ये पौधे बड़े होकर नगर को शुद्ध हवा एवं पानी में सहयोग करेंगे। विदित हो कि एक समय ऐसा था जब शंकर गढ़ पहाड़ी का नाम सुनते ही खनन माफियाओं के विचार मन में आते थे किन्तु आज जिला प्रशासन, वन विभाग एवं नगर की जागरूक जनता की सहभागिता से ये पहाड़ी वृक्षारोण के लिए मशहूर हो रही है। शंकर गढ़ पहाड़ी पर सिसू वाटिका, बैल पत्र वाटिका, नीम वाटिका, त्रिवेणी वाटिका, न्याय वाटिका, जैव विविधता वाटिका एवं फल वाटिका बनाई जा रही है।