स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर निगम के ट्रेंचिंग ग्राउंड में गीले कचरे से दाने वाला खाद , वेस्ट कच्चे नारियल से रस्सी और डंडे बनाए जा रहे हैं ।
देश में सबसे पहले नवाचार देवास नगर निगम ने सहयोगी संस्था के मार्फत शुरू किया है । गीले कचरे से बनने वाले खाद की खासियत यह है कि इसे खेतों में उपयोग करने पर मिट्टी को फायदा होगा । खाद रासायनिक नहीं होकर जैविक है , जिसे लेने के लिए ट्रैचिंग ग्राउंड पर किसान भाई भी पहुंचने लगे हैं । शहर से निकलने वाले कच्चे नारियल के वेस्ट को ट्रेंचिंग ग्राउंड में अलग – अलग कर उससे रस्सी और डंडों का निर्माण किया जा रहा है ।
यह डंडे मनी प्लांट की बेला , बगीचों में अन्य बेलाओं को ऊपर चढ़ाने के साथ ही गमलों में भी काम में आ रहे हैं । संस्था इम्पलीमेंट ग्रीनक्रॉप एंड फर्टिलाइजर के शैलेष पालीवाल ने बताया , कच्चे नारियल का पानी पीकर लोग उसे कचरा गाड़ी में फेंक देते हैं । इस वेस्ट नारियल को नष्ट होने में 2-3 साल लगते थे , इसलिए इसका उपयोग भी हमने शुरू कर दिया है ।
पालीवाल ने बताया , नगर निगम आयुक्त विशालसिंह चौहान के निर्देशन में ट्रैचिंग ग्राउंड में आने वाले सभी प्रकार के कचरों का प्रबंधन करना है । इसलिए हमने इस बार स्वच्छ भारत मिशन के तहत दो नवाचार तीन से शुरू किए हैं । पहल गीले कचरे से दाने वाला खाद और दूसर कच्चे नारियल से रस्सी और डंडे बनाना शुरू किया है । देश की किसी भी नगर निगम , नगर पालिक निगम , नगर परिषदों में यह नावाचार अभी शुरू नहीं हुआ है ।
प्रतिदिन 8-10 टन हो रहा जैविक खाद का उत्पादन :-
गीले कचरे से हम प्रतिदिन 8-10 टन दाने वाला जैविक खाद का उत्पादन कर रहे हैं । खाद का निर्माण करने के बाद 50-50 किलो के बैग में भरकर रख भी रहे हैं । किसानों को खाद के बारे में जानकारी देने पर वह हमारे पास से लेकर भी जा रहे हैं । नगर निगमायुक्त विशालसिंह चौहान ने बताया , इस खाद का उपयोग करने से खेतों में 30 फीसदी कम रासायनिक फर्टिलायजर की कमी आएगी और उत्पादन भी अच्छा होगा । खाद स्टोरेज में बच ही नहीं रहा , इसका रिजल्ट अच्छा होने से किसान लेकर जा रहे हैं ।