मध्य प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार तेज हो गई है। ऐसे में अस्पतालों में सीमित संसाधनों को ध्यान में रखकर सरकार ने कोविड मरीजों के इलाज के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है।
इसमें होम आइसाेलेशन के नियम में बदलाव किया गया है। इसके मुताबिक घर में रहकर इलाज कराने वालों की निगरानी के लिए जिला कोविड एवं कमांड सेंटर को नई किट सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। इसी तरह, बड़े अस्पतालों में गंभीर मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर बेड उपलब्ध कराए जाएंगे, जबकि कम लक्षण वाले मरीजों का इलाज कोविड सेंटर में ही किया जाएगा।
जिन मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, उनमें लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। भले ही उनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है, उन्हें होम आइसोलेशन में ही रखा जाएगा, लेकिन कोविड सेंटर उनकी सतत निगरानी करेगा। इस दौरान घर में ही दवा से लेकर जरूरी उपकरण और दवा उपलब्ध हों, यह सुनिश्चित भी किया जाए। यदि होम आइसोलेशन के दौरान मरीज में लक्षण दिखाई देने लगें, जैसे बुखार, सर्दी, खांसी और जुकाम या सांस लेने में दिक्कत आए, तो उसे कोविड सेंटर में भर्ती किया जाएगा।
10 दिन में होम आइसोलेशन समाप्त होगा :-
पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद यदि मरीज घर में ही है। यदि 10 दिन तक लक्षण दिखाई नहीं देते या 3 दिन तक बुखार नहीं आने पर होम आइसोलेशन की अवधि समाप्त की जाएगी, लेकिन उसे अगले एक सप्ताह तक घर में ही रहना होगा।
नियम :-
- अस्पताल में भर्ती मरीज को बुखार न हो और बगैर ऑक्सीजन सपोर्ट के ऑक्सीजन सेचुरेशन 95% से अधिक हो तो, ऐसे मरीजों को मेडिकल कॉलेज के डेडिकेटेड कोविड अस्पताल से जिला कोविड सेंटर में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
- जिला कोविड सेंटर में भले ही मरीज को शिफ्ट किया जाए, लेकिन इन मरीजों का इलाज वही डॉक्टर करेंगे।ऐसे मरीजों को कोविड सेंटर तक पहुंचाने के लिए बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस का उपयोग किया जाएगा।
- मेडिकल कॉलेज के डीन, अस्पताल अधीक्षक भी अब कोविड वार्ड में निरीक्षण करेंगे और मौजूदा स्थिति को देखते हुए निर्णय लेंगे।