“राम को अगर पाना है तो शंकर जी को प्रसन्न करना होगा”चातुर्मास व्रत अनुष्ठान में श्री राम सहस्त्र अर्चन अनुष्ठान सम्पन्न हुआ
देवास। परम पूज्य संत रावतपुरा सरकार के सानिध्य में चले रहे चातुर्मास व्रत अनुष्ठान के अन्तर्गत आज आनंद भवन पेलेस स्थल पर नर्मदा पुराण कथा का वाचन करते हुए मानस पुत्री दीदी पुष्पांजली ने बताया कि जलदान का बड़ा महत्व है जो जल का दान करते है उनको कभी पितृ दोष नहीं होता है। विष्णु पुराण में जल की महिमा बतायी गयी है जन्म से लेकर मृत्यु तक मानव जीवन में जल की भूमिका रहती है यदि शंख में भरे हुए जल का छिडकाव घर पर किया जाता है तो घर के कई दोष समाप्त हो जाते है। नर्मदा जी ताप संताप सब हरती है नर्मदा के जल से नर्मदेश्वर का रूद्राभिषेक करने से शनि दोष समाप्त हो जाता है। साध्वी पुष्पांजली ने कहा कि मानसी पूजा का बड़ा महत्व है आम के वृक्ष के नीचे यदि कोई बैठकर मानसी पूजा करता है तो उसको हजार गुना फल की प्राप्ती होती है। मानसी पूजा किसी भी अवस्था में कहीं पर भी बैठकर की जा सकती है इसमें अपने आराध्य का चिन्तन दर्शन करना चाहिये इससे ईश्वर प्रसन्न हो जाते है मां नर्मदा की पूजा अर्चना भी मानसी पूजा के माध्यम से की जाती है मन ही मन अगर नर्मदा की पूजा की जाती है तो मां उसे स्वीकार करती है। वटवृक्ष विश्वास का प्रतिक है भगवान शिव तो वटवृक्ष के नीचे बैठकर राम जी का स्मरण करते है राम को पाना है तो भगवान शंकर को प्रसन्न करना चाहिये, जो राम राम भजता है महादेव उसे बहुत प्रेम करते है। प्रकृति ओर मानव का गहरा संबंध है। भगवान को देखा तो नहीं है लेकिन हम जो बड़े बड़े पर्वत देख रहे है उन पर जो हरे भरे वृक्ष है उनकी देखभाल कोन करता है ईश्वर स्वयं प्रकृति के रूप में विराजमान है। आज की आरती मेें पटाखा एसोसिएशन, मां टेकरी के पुजारी गण एवं वार्ड 32 के रहवासी सम्मिलित हुए। रावतपुरा सरकार के दर्शन प्राप्त करने आज प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम जी मिश्रा, प्रदेश सरकार में मंत्री कृष्णा गोर एवं लखन जी पटेल आनंद भवन पेलेस पधारे। चातुर्मास व्रत अनुष्ठान की प्रात-कालीन बेला में परम पूज्य महाराज श्री रावतपुरा सरकार के कर करमलों से विभिन्न प्रकार के पुष्पों द्वारा श्री राम सहस्त्र अर्चन अनुष्ठान सम्पन्न हुआ जिसमें आयोजक विधायक राजमाता गायत्री राजे पवार एवं महाराज विक्रमसिंह पवार सम्मिलित हुए।

