एक माह के वेतन में कटौती होने पर देवास स्थित गजरा गियर्स कंपनी के श्रमिकों ने किया काम बंद, कंपनी ने श्रमिकों को थमाया नोटिस

शहर के मध्य स्टेशन रोड़ स्थित गजरा गियर्स कंपनी के श्रमिक सुबह काम पर पहुंचे ही थे कि उन्होनें एकाएक काम बंद कर आंदोलन कर दिया और कंपनी के बाहर प्रांगण में बैठकर नारेबाजी करने लगे। बताया गया है कि श्रमिकों ने पिछले माह के आए वेतन में कटौती होने पर नराजगी जताई थी। इसके साथ ही वेतन वृद्धि को लेकर हंगामा चलता रहा उसके बाद कंपनी के जनरल मैनेजर यहां पहुंचे उन्होनें श्रमिकों से चर्चा करने का प्रयास किया लेकिन श्रमिकों ने उनकी बात भी नहीं मानी। कंपनी जीएम ने बताया कि गत 2019 में भी श्रमिकों की वेतन में 7 हजार 500 रूपए की वद्धि हुई थी। अब भी 20 हजार रूपए का मांग पत्र दिया गया है जिसको लेकर लेबर विभाग, कंपनी प्रबंधन की टीम और श्रमिकों के साथ बैठक होगी उसके पश्चात ही मांग पत्र पर समझौता हो सकेगा।

गजरा गियर्स कंपनी के श्रमिकों ने मंगलवार सुबह अचानक से काम बंद कर आंदोलन कर दिया था। श्रमिकों ने बताया कि गत माह के आए वेतन में कंपनी प्रबंधन ने 5-5 हजार रूपए बगैर कोई सूचना के काट दिए है। इसके साथ ही हमने जो मांग पत्र दिया है उस पर भी कंपनी ने अब तक कोई विचार नहीं किया। आंदोलन कर रहे श्रमिकों की सूचना मिलने पर कंपनी के जीएम अमिताभ तिवारी आए और उन्होनें श्रमिकों से चर्चा की। श्रमिकों का कहना था कि पहले मांग पत्र का निराकरण करें उसके बाद ही हम लोग यहां से हटेंगे।

अमिताभ तिवारी ने मीडिया से चर्चा कर बताया कि यहां पर 650 से अधिक श्रमिक कार्यरत है। श्रमिकों का वर्ष 2019 में भी वेतन समझौता हुआ था जिसके तहत वेतन में 7500 रूपए की बढ़ोतरी की गई थी। वर्तमान में 20 हजार रूपए का मांग पत्र जनवरी में दिया था। उन्होनें बताया कि श्रमिकों का गत माह वेतन आया था जिसमें 5-5 हजार रूपए की कटौती हो गई थी। कंपनी प्रबंधक ने किन्हीं कारणों से वेतन में कटौती की है संभवत: जल्द ही वेतन में हुई कटौती को भुगतान इन्हें हो सकता है। इसी को लेकर इन्होनें काम बंद कर दिया था। हांलाकि इनसे चर्चा हुई है लेकिन वे लोग भी उनकी मांग पर अड़े हुए हैं। उन्होनें बताया कि श्रमिकों को वेतन लगभग 32 हजार रूपए है 20 हजार का मांग पत्र दिया गया है, लेबर विभाग, कंपनी प्रबंधन की टीम और श्रमिकों के साथ बैठक होगी उसके पश्चात ही मांग पत्र पर समझौता हो सकेगा।

कंपनी में कार्यरत भामसं यूनियन के महेन्द्र सिंह परिहार ने बताया कि गजरा गियर्स कंपनी में 650 श्रमिक है हमारा जनवरी से एग्रीमेंट चल रहा है हम बराबर प्रशासन और कंपनी प्रबंधक को रिमाडंडर पत्र दिया है। जनसुनवाई श्रम विभाग में भी आवेदन दिया है लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। ना ही कोई चर्चा करने को तैयार है। यहां पर हम लोग मजबूरी में बैठे है। यहां पर दो यूनियन है जिसमें भामसं, और इंटक है। एक दिन पूर्व बगैर यूनियन को बताए कंपनी प्रंबधक ने वेतन में से 5-5 हजार रूपए की कटौती कर दी। प्रतिमाह 7 तारिख को वेतन मिलता है लेकिन कंपनी ने 10 तारिख को वेतन देने के बाद कटौती की गई। श्रमिकों ने कंपनी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी प्रबंधक की दादागिरी है। कंपनी श्रमिकों पर अत्याचार कर रही है। इसलिए आज सभी श्रमिकों ने कंपनी के प्रांगण में काम बंद कर प्रबंधक के विरूद्ध आंदोलन किया था। इस संबंध में कंपनी की प्रबंधन टीम जवाब नहीं दे पा रही है। वेतन वृद्धि को लेकर कंपनी प्रबंधन टीम विलंब कर रही है। पिछले दिनों हमने 21 हजार रूपए का मांग पत्र दिया है। कंपनी के जीएम से चर्चा हुई है उन्होने आश्वस्त किया है कि वह कंपनी के मालिक से चर्चा कर अवगत कराएंगे।

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